शास्त्र-स्मरण स्पर्द्धा
हर्ष का विषय है कि नववर्ष के अवसर परगुरुकुल की बालिकाओं ने गुरुकुल संस्कृति का गौरव बढाने का महनीय कार्य किया है। गुरुकुल की तीन छात्राओं ने राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान की वार्षिक ‘अखिलभारतीय-वाक्स्पर्द्धा-शलाका-चयन’- 22014-2015 प्रतिस्पर्द्धा में प्रतिभाग किया। प्रतिभागी सभी तीनों छात्राओं नेहा(रामायण-प्रथम-स्वर्णशलाका), ॠतम्भरा(अमरकोष-प्रथम) एवं लविता (रघुवंश-प्रथम) ने अपने-अपने मुकाबलों में प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तर प्रदेश को पहली बार अखिलभारतीय स्तर पर तृतीय स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी मास में गुरुकुल मंझावली में आयोजित एक अन्य प्रतियोगिता ‘श्रीमन्नारायण-स्मृति-स्पर्द्धासमारोह’ में सात छात्राओं ने उच्च स्थान प्राप्त कर गुरुकुल का गौरव बढाया। इसमें विश्रुति(यजुर्वेद-प्रथम),आयुषी (सामवेद-प्रथम), स्नेहा (सामवेद-द्वितीय), तनुश्री (धातु-उणादि-गणपाठ-लिंगानुशासन स्मरण-प्रथम), सीता(अष्टाध्यायी-द्वितीय), नेहा (संस्कृत-भाषण-द्वितीय) एवं प्राची(अष्टाध्यायी) ने प्रतिभाग किया।
विजेताओं के गुरुकुल लौटने पर अन्य छात्राओं ने अभूतपूर्व उत्साह के साथ उनका स्वागत किया और गुरुजनों का आशीर्वाद ग्रहण किया तथा उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।इस अवसर के कुछ चित्र-
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